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what is cc in bikes and other vehicles | बाइक और दूसरे वाहनों में सीसी का मतलब क्या होता है?

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दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं बाइक और दूसरे वाहनों में सीसी का मतलब क्या होता है what is cc in bikes and other vehicles के बारे में। आप में से कई लोग बाइक और दूसरे वाहन जैसे कार जीप वगैरा चलाते होंगे| कई बार आपने CC के बारे में सुना होगा कि बाइक 125 CC की है या कार 2500 CC की है| यह CC आखिर होता क्या है? आज के ब्लॉग में हम इसी CC के बारे में बात करेंगे|

बाइक और दूसरे वाहनों में सीसी का मतलब क्या होता है what is cc in bikes and other vehicles

  • जब भी आपने मोटरसाइकिल या कार परचेज की होगी तो आपने CC के बारे में जरूर सुना होगा|
  • हीरो बाइक के इंजन 125 CC के होते हैं|
  • बुलेट के इंजन  350 से 500 CC तक होते हैं|
  • कार के इंजन 1200 CC से शुरू होते हैं|
  • आखिर यह CC होता क्या है?
  • CC की फुल फॉर्म है क्यूबिक कैपेसिटी (Cubic Capacity)
  • बाइक और दूसरे वाहनों के इंजन में एक या एक से ज्यादा सिलेंडर (Cylinder) होते हैं|
  • हर सिलेंडर में पिस्टन (Piston) नाम का एक पार्ट होता है|
  • जो कि सिलेंडर में ऊपर और नीचे घूमता है|
  • पिस्टन जब ऊपर नीचे घूमता है यानी मूवमेंट करता है इसी की वजह से गाड़ी का तेल जलता है और गाड़ी को आगे बढ़ने के लिए ताकत मिलती है, इस प्रोसेस को कंबशन कहते हैं|
  • पिस्टन ऊपर नीचे होता है तो इसके दो सेंटर होते हैं|
  • एक ऊपर वाला सेंटर और एक नीचे  वाला सेंटर|
  • इन दोनों के बीच में यह पिस्टन मूवमेंट करता है|
  • ऊपर वाले सेंटर को टॉप डेड सेंटर कहते हैं|
  • नीचे वाले सेंटर को बॉटम डेड सेंटर कहते हैं|
  • पिस्टन जो ऊपर नीचे होता है वह टॉप डेट सेंटर और बॉटम डेड सेंटर के बीच में होता रहता है|
  • ऊपर नीचे जाने की इस प्रक्रिया में जब यह ऊपर से नीचे जाता है तो इस एक राउंड को स्ट्रोक (Stroke) कहते हैं|
  • एक स्ट्रोक में यह पिस्टन जितना एरिया कवर करता है उसे CC का जाता है|
  • पिस्टन के पास अप और डाउन करने के लिए कितना स्पेस है यह कितनी जगह ले रहा है यह स्पेस  ही CC कहलाता है|
  • टॉप डेड सेंटर और बॉटम डेड सेंटर के बीच का जो एरिया होता है जिसमें पिस्टन घूमता है यही एरिया CC कहलाता है|
  • यह स्पेस जितना ज्यादा होता है उतना ज्यादा पिस्टन एयर सर्व कर सकता है|
  • एयर और फ्यूल दोनों मिलाकर पावर जनरेट करते हैं|
  • बड़े इंजन वाली गाड़ियों में ज्यादा CC होता है क्योंकि उसमें बड़े-बड़े सिलेंडर और पिस्टन होते हैं|
  • CC सही मायने में फिजिकल स्पेस को ही कहते हैं|
  • किसी गाड़ी में एक सिलेंडर होता है किसी में दो किसी में चार और किसी में छह सिलेंडर|
  • CC अलग-अलग सिलेंडर में बटा होता है|
  • मान लेते हैं एक कार 2000 CC की है और उसमें 4-cylinder लगे हैं तो चारों सिलेंडर 500-500 CC के होंगे|
  • अगर कोई बाइक 150 CC की है और उसमें एक ही सिलेंडर है तो वह 150 CC का होगा|
  • अगर कोई बाइक 200 CC की है और उसके इंजन में दो सिलेंडर हैं तो वह 100-100 CC के होंगे|
  • गाड़ी में जितना ज्यादा CC होता है गाड़ी उतना ही ज्यादा पावर जनरेट कर पाती है उतनी ही तेज चल सकती है|
  • CC बहुत इंपॉर्टेंट फेक्टर है इसलिए लोग कार या बाइक परचेज करने से पहले CC देखते हैं|

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