जब बचपन में कोई रिश्तेदार जाते समय 10 रूपये दे जाता था और मां 5 रूपये टीडीएस काटकर 5 रूपये थमा देती थी।
जब बचपन में कोई रिश्तेदार जाते समय 10 रूपये दे जाता था और मां 5 रूपये टीडीएस काटकर 5 रूपये थमा देती थी।
वो भी क्या दिन थे?
वो भी क्या दिन थे?
घर का टीवी बिगड़ जाये तो माता-पिता कहते थे-बच्चों ने बिगाड़ा है और अगर बच्चे बिगड़ जाये तो कहते थे टीवी ने बिगाड़ा है।
घर का टीवी बिगड़ जाये तो माता-पिता कहते थे-बच्चों ने बिगाड़ा है और अगर बच्चे बिगड़ जाये तो कहते थे टीवी ने बिगाड़ा है।
वो भी क्या दिन थे?
वो भी क्या दिन थे?
आजकल के बच्चे क्या समझेंगे हमने किन मुश्किल परिस्थितियों में पढ़ाई की है, कभी-कभी तो मास्टर जी हमें मूड फ्रेश करने के लिए ही कूट दिया करते थे।
आजकल के बच्चे क्या समझेंगे हमने किन मुश्किल परिस्थितियों में पढ़ाई की है, कभी-कभी तो मास्टर जी हमें मूड फ्रेश करने के लिए ही कूट दिया करते थे।
वो भी क्या दिन थे?
वो भी क्या दिन थे?
वो लड़कियां भी किसी आतंकवादी से कम नहीं थी जो टीचर के क्लास में आते ही याद दिला देती थी कि सर, आपने टेस्ट का बोला था।
वो लड़कियां भी किसी आतंकवादी से कम नहीं थी जो टीचर के क्लास में आते ही याद दिला देती थी कि सर, आपने टेस्ट का बोला था।
वो भी क्या दिन थे?
वो भी क्या दिन थे?
शॉपिंग के बम्पर ऑफर
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भला हो हनी सिंह और जॉन सीना का। जिसने आज के बच्चों को फैशन के नाम पर बाल छोटे रखना सीखा दिया।
भला हो हनी सिंह और जॉन सीना का। जिसने आज के बच्चों को फैशन के नाम पर बाल छोटे रखना सीखा दिया।
हमारी तो सबसे ज्यादा कुटाई बालों का लेकर ही होती थी।
हमारी तो सबसे ज्यादा कुटाई बालों का लेकर ही होती थी।
वो भी क्या दिन थे?
वो भी क्या दिन थे?
हम दिलजले के अजय देवगन बनकर घूमते थे और जिस दिन पापा के हाथ लग जाते उस दिन नाई की दुकान से क्रांतिकारी नाना पाटेकर बनकर घर आते थे
हम दिलजले के अजय देवगन बनकर घूमते थे और जिस दिन पापा के हाथ लग जाते उस दिन नाई की दुकान से क्रांतिकारी नाना पाटेकर बनकर घर आते थे
वो भी क्या दिन थे?
वो भी क्या दिन थे?
4-4 साल के बच्चे गाते फिर रहे हैं
छोटी ड्रेस में बम लगदी मेनु
4-4 साल के बच्चे गाते फिर रहे हैं छोटी ड्रेस में बम लगदी मेनु
साला हम 4 साल के थे तो एक ही वर्ड याद था, वही गाते फिरते थे
शक्ति-शक्ति,
शक्तिमान-शक्तिमान
साला हम 4 साल के थे तो एक ही वर्ड याद था, वही गाते फिरते थे शक्ति-शक्ति,शक्तिमान-शक्तिमान
वो भी क्या दिन थे?
वो भी क्या दिन थे?
आजकल के मां-बाप सुबह स्कूल बस में बच्चे को बिठाकर ऐसे बाय-बाय करते हैं जैसे पढने नहीं विदेश यात्रा भेज रहे हों ओर एक हम थे जो रोज लात खा खाकर स्कूल जाते थे।
आजकल के मां-बाप सुबह स्कूल बस में बच्चे को बिठाकर ऐसे बाय-बाय करते हैं जैसे पढने नहीं विदेश यात्रा भेज रहे हों ओर एक हम थे जो रोज लात खा खाकर स्कूल जाते थे।
वो भी क्या दिन थे?
वो भी क्या दिन थे?
अगर आप भी स्कूल के दिनों को मिस करते हैं तो इस पोस्ट को लाइक जरूर करना।
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मैं आपसे सिर्फ 3 चीजें चाहता हूं, उम्मीद है आप इनमें से 2 चीजें जरूर करोगे।
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