मुझे दहेज चाहिए

जमील अत्तारी

तुम लाना तीन-चार ब्रीफकेस जिसमें भरे हों- तुम्हारे बचपन के खिलौने, बचपन के कपडे़, बचपन की यादें मुझे जानना है, बहुत प्रारम्भ से।

तुम लाना श्रृंगार के डिब्बे में बंद कर अपनी स्वर्ण जैसी आभा, अपनी चांद जैसी मुस्कुराहट, अपनी हीरे जैसी दृढ़ता

तुम लाना अपने साथ छोटे-बड़े कई डब्बे जिसमें बंद हो- तुम्हारा चुलबुलापन, तुम्हारा बेबाकपन, तुम्हारा अल्हड़पन

तुम लाना एक बहुत बड़ा बक्सा जिसमें भरी हों तुम्हारी खुशियां

शॉपिंग के बम्पर ऑफर

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साथ ही उसके समकक्ष वो पुराना बक्सा जिसमें तुमने झुपा रखा है अपने दुख, अपने ख्वाब, अपना डर, अपने सारे राज, अब से सब के सब मेरे होंगे।

मत भुलना लाना- वो सारे बंद लिफाफे जिसमें बंद हैं स्मृतियां, जिसे दिया है तुम्हारे मां और तुम्हारे बाबु जी ने, भाई- बहनों ने, सखी-सहेलियों ने, कुछ रिश्तेदारों ने।

न लाना टी0वी0, फ्रीज, वॉशिंग मशीन लेकिन लाना तुम किस्से, कहानियां और कहावतें अपने शहर की।

कार, गहने हम खुद खरीदेंगे।

तुम लाना अपने तितली वाले पंख, जिसे लगा, उड़ जाएगें अपने सपनों के अरमान में।

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मैं आपसे सिर्फ 3 चीजें चाहता हूं, उम्मीद है आप इनमें से 2 चीजें जरूर करोगे।